The single-most important 'nakshatra' that I've got... written a while ago for omnifuse. Retrofitting lyrics to an existing tune is a pain... ended up using words as fillers and changing to less 'real' words just to suit the beat / tone.
दो तबस्सुम हज़ार है, एक हंसी बेशुमार है
आलम-ए-शब थी, चांदनी फीकी
एक सितारे की, बीनाई देखी
आलम-ए-शब थी, चांदनी फीकी
इस सितारे से शायद प्यार है
रौशनी रहगुज़ार है, एक सितारे से प्यार है
अंतरा १)
माहताबों से बढ़के रौशन तू,
रिन हिजाबों से बढ़के दिलकश तू.
अर्श से हासिल, हष्र को काबिल,
अलबत्ता शामिल, रहनुमाई भी
अर्श से हासिल, हष्र को काबिल,
इस सितारे से शायद प्यार है
रौशनी रहगुज़ार है, एक सितारे से प्यार है|
अंतरा २)
कब से था हर फलक हर तरफ बंजर
जब न था वो दिखा सब था बेमंज़र
एक मर्तबा वो, लख्त-ए-जन्नत जो
मिले रहमत को, शुरू इबादत हो
मिला रहमत को, लख्त-ए-जन्नत जो
इस सितारे से शायद प्यार है
रौशनी रहगुज़ार है, एक सितारे से प्यार है|
Monday, July 27, 2009
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